13 लाख के माल पर भरना पड़ा 26 लाख का जुर्माना
सेन्ट्रल जीएसटी विभाग की कार्रवाई
्रबीकानेर
केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर विभाग की टीम ने एक व्यापारी के 13 लाख रुपए के माल पर 26 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। विभाग के अधिकारियों ने जुर्माने की वसूली भी कर ली है। असल में विभाग की निरीक्षण टीम ने दो दिन पहले एक पान मसाले से भरा ट्रक जब्त किया था। ट्रक में भरे पान मसाले की कीमत करीब 13 लाख, 40 हजार रुपए थी। विभाग के उच्चाधिकारियों ने बताया कि ट्रक में भरे माल का भौतिक सत्यापन करने पर सामने आया कि ट्रक में भरे माल का बिल बहुत ही कम कीमत का बनाया गया था, जबकि उसमें भरे माल की कीमत बिल में अंकित राशि से कई गुणा अधिक थी।
जुर्माने के बाद छोड़ा
विभाग के सहायक आयुक्त नरेन्द्र आसेरी ने बताया कि ट्रक में भरे माल को कर चोरी का मानते हुए संबंधित ट्रक मालिक से 25 लाख, 59 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया। जुर्माना वसूली के बाद ट्रक को छोड़ दिया गया। आसेरी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में विभाग ने कर चोरी के माल पर करीब एक करोड़, बीस लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया जा चुका है। ट्रक को पकडऩे वाली टीम में राजेश कुमार यादव, अजय पुरोहित, गिरधारी भांभू, गणेश माचरा, लीलाधर पूनिया एवं महेश जावा की टीम शामिल थी।
्रबीकानेर
केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर विभाग की टीम ने एक व्यापारी के 13 लाख रुपए के माल पर 26 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। विभाग के अधिकारियों ने जुर्माने की वसूली भी कर ली है। असल में विभाग की निरीक्षण टीम ने दो दिन पहले एक पान मसाले से भरा ट्रक जब्त किया था। ट्रक में भरे पान मसाले की कीमत करीब 13 लाख, 40 हजार रुपए थी। विभाग के उच्चाधिकारियों ने बताया कि ट्रक में भरे माल का भौतिक सत्यापन करने पर सामने आया कि ट्रक में भरे माल का बिल बहुत ही कम कीमत का बनाया गया था, जबकि उसमें भरे माल की कीमत बिल में अंकित राशि से कई गुणा अधिक थी।
जुर्माने के बाद छोड़ा
विभाग के सहायक आयुक्त नरेन्द्र आसेरी ने बताया कि ट्रक में भरे माल को कर चोरी का मानते हुए संबंधित ट्रक मालिक से 25 लाख, 59 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया। जुर्माना वसूली के बाद ट्रक को छोड़ दिया गया। आसेरी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में विभाग ने कर चोरी के माल पर करीब एक करोड़, बीस लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया जा चुका है। ट्रक को पकडऩे वाली टीम में राजेश कुमार यादव, अजय पुरोहित, गिरधारी भांभू, गणेश माचरा, लीलाधर पूनिया एवं महेश जावा की टीम शामिल थी।

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