चन्द्रयान-2 की अधूरी कामयाबी के बाद भी भारतीय वैज्ञानिकों का विदेशों में बजा डंका
इसरो अध्यक्ष ने कहा अभी भी जिंदा है उम्मीद, दोबारा संपर्क बनाने के प्रयास जारी
नई दिल्ली
चन्द्रयान-2 की अधूरी कामयाबी के बावजूद भारत के वैज्ञानिकों का देश में ही नहीं विदेशो में डंका बज रहा है।
अमरीका, फ्रांस तथा ब्रिटेन सहित अन्य देशों के अखबारों में भारतीय वैज्ञानिकों की चन्द्रयान-2 से जुड़ी कोशिश की तारीफ की जा रही है। उधर इसरो अध्यक्ष के शिवन का बयान आया है कि लैंडर विक्रम से दोबारा संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि चन्द्रयान-2 करीब 95 फीसदी सफल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चन्द्रयान-2 का ऑर्बिटर साढ़े सात साल तक काम कर सकता है। ऐसे में अभी भारत के वैज्ञानिकों की उम्मीद टूटी नहीं है। मिशन के कामयाब होने के संकेत कभी भी मिल सकते हैं।
95 फीसदी सफलता हासिल
चन्द्रयान-2 ने अपने 95 फीसदी उद्देश्य पूरे कर लिए हैं। यह कहना था इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर का। उन्होंने कहा कि लैंडर के चांद पर नहीं उतरने के बावजूद चन्द्रयान-2 ने अपने ९५ फीसदी कार्य पूरे किए थे। हम आपको बता दें कि शुक्रवार देर रात चांद से महज 2.1 किलोमीटर दूरी पर आकर चन्द्रयान-2 मिशन से वैज्ञानिकों का संपर्क टूट गया था।
तेज गति के कारण हुई गड़बड़ी
इसरो के वैज्ञानिकों ने चन्द्रयान-2 की विफलताओं की भले ही अधिकारिक घोषणा नहीं की हो, लेकिन उन्होंने एक बात पर जरूर जोर दिया कि विक्रम की रुकावट के पीछे क्या कारण रहे, इस पर अनुसंधान किया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि संभवतया तेज गति के चलते विक्रम अपनी सहज लैडिंग नहीं कर पाया।
नई दिल्ली
चन्द्रयान-2 की अधूरी कामयाबी के बावजूद भारत के वैज्ञानिकों का देश में ही नहीं विदेशो में डंका बज रहा है।
अमरीका, फ्रांस तथा ब्रिटेन सहित अन्य देशों के अखबारों में भारतीय वैज्ञानिकों की चन्द्रयान-2 से जुड़ी कोशिश की तारीफ की जा रही है। उधर इसरो अध्यक्ष के शिवन का बयान आया है कि लैंडर विक्रम से दोबारा संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि चन्द्रयान-2 करीब 95 फीसदी सफल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चन्द्रयान-2 का ऑर्बिटर साढ़े सात साल तक काम कर सकता है। ऐसे में अभी भारत के वैज्ञानिकों की उम्मीद टूटी नहीं है। मिशन के कामयाब होने के संकेत कभी भी मिल सकते हैं।
95 फीसदी सफलता हासिल
चन्द्रयान-2 ने अपने 95 फीसदी उद्देश्य पूरे कर लिए हैं। यह कहना था इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर का। उन्होंने कहा कि लैंडर के चांद पर नहीं उतरने के बावजूद चन्द्रयान-2 ने अपने ९५ फीसदी कार्य पूरे किए थे। हम आपको बता दें कि शुक्रवार देर रात चांद से महज 2.1 किलोमीटर दूरी पर आकर चन्द्रयान-2 मिशन से वैज्ञानिकों का संपर्क टूट गया था।
तेज गति के कारण हुई गड़बड़ी
इसरो के वैज्ञानिकों ने चन्द्रयान-2 की विफलताओं की भले ही अधिकारिक घोषणा नहीं की हो, लेकिन उन्होंने एक बात पर जरूर जोर दिया कि विक्रम की रुकावट के पीछे क्या कारण रहे, इस पर अनुसंधान किया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि संभवतया तेज गति के चलते विक्रम अपनी सहज लैडिंग नहीं कर पाया।


टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें