रॉबर्ट वाड्रा प्रकरण में चर्चित हुआ तहसीलदार एपीओ
राजस्थान सरकार ने जारी किए आदेश
जयपुर
कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े जमीन प्रकरण में सुर्खियां बटोरने वाले तहसीलदार गजेन्द्र सिंह नैण को राजस्थान सरकार ने एपीओ (पदस्थापन की प्रतीक्षा) कर दिया है। हाल ही जारी हुई स्थानांतरण सूची में उन्हें जैसलमेर के रामगढ़ से बीकानेर जिले की छतरगढ़ तहसील में तहसीलदार पद पर लगाने के आदेश हुए थे। सूत्रों की मानें तो नैण ने 11 सितम्बर को ही छतरगढ़ तहसील में तहसीलदार का पद संभाला था, उसी दिन उनके एपीओ किए जाने के आदेश जारी हुए। उन्हें एपीओ करने के पीछे उनके रामगढ़ से बिना कार्यमुक्त हुए छतरगढ़ तहसील में कार्यभार संभालना मुख्य कारण माना जाता है।
आवंटियों पर करवाई थी एफआईआर
तहसीलदार गजेन्द्र सिंह नैण ने श्रीकोलायत तहसील में रहते हुए सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा प्रकरण में जमीन खरीदने वाले आवंटियों के खिलाफ वर्ष 2014 में जिले के दो थानों में एफआईआर दर्ज करवाई थी। एफआईआर करवाने के बाद तहसीलदार गजेन्द्र सिंह नैण सुर्खियों में आ गए थे। जिस समय रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी व उसके सहयोगी खरीददारों पर मामले दर्ज हुए, उस समय राजस्थान में भाजपा की सरकार थी।
आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा ने लाभ कमाने के लिए नियम-कायदों को दरकिनार कर सस्ती जमीनें खरीदी, जबकि उनकी वास्तविक कीमत कई गुणा अधिक थी।
वापिस लगाने के पीछे क्या कारण
करीब पांच साल बाद तहसीलदार गजेन्द्र सिंह नैण को जैसलमेर जिले के रामगढ़ से बीकानेर जिले में वापिस लगाने के कारणों का फिलहाल कोई खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि नैण के स्थानांतरण सूची में नाम आने के बाद से ही यहां की राजनैतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो चुकी थी।
जयपुर
कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े जमीन प्रकरण में सुर्खियां बटोरने वाले तहसीलदार गजेन्द्र सिंह नैण को राजस्थान सरकार ने एपीओ (पदस्थापन की प्रतीक्षा) कर दिया है। हाल ही जारी हुई स्थानांतरण सूची में उन्हें जैसलमेर के रामगढ़ से बीकानेर जिले की छतरगढ़ तहसील में तहसीलदार पद पर लगाने के आदेश हुए थे। सूत्रों की मानें तो नैण ने 11 सितम्बर को ही छतरगढ़ तहसील में तहसीलदार का पद संभाला था, उसी दिन उनके एपीओ किए जाने के आदेश जारी हुए। उन्हें एपीओ करने के पीछे उनके रामगढ़ से बिना कार्यमुक्त हुए छतरगढ़ तहसील में कार्यभार संभालना मुख्य कारण माना जाता है।
आवंटियों पर करवाई थी एफआईआर
तहसीलदार गजेन्द्र सिंह नैण ने श्रीकोलायत तहसील में रहते हुए सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा प्रकरण में जमीन खरीदने वाले आवंटियों के खिलाफ वर्ष 2014 में जिले के दो थानों में एफआईआर दर्ज करवाई थी। एफआईआर करवाने के बाद तहसीलदार गजेन्द्र सिंह नैण सुर्खियों में आ गए थे। जिस समय रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी व उसके सहयोगी खरीददारों पर मामले दर्ज हुए, उस समय राजस्थान में भाजपा की सरकार थी।
आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा ने लाभ कमाने के लिए नियम-कायदों को दरकिनार कर सस्ती जमीनें खरीदी, जबकि उनकी वास्तविक कीमत कई गुणा अधिक थी।
वापिस लगाने के पीछे क्या कारण
करीब पांच साल बाद तहसीलदार गजेन्द्र सिंह नैण को जैसलमेर जिले के रामगढ़ से बीकानेर जिले में वापिस लगाने के कारणों का फिलहाल कोई खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि नैण के स्थानांतरण सूची में नाम आने के बाद से ही यहां की राजनैतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो चुकी थी।

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