महंगी हो सकती है चाय की चुस्की, पढ़ें पूरी खबर

पूर्वोत्तर में विरोध के चलते असम में नहीं लगी चाय की बोली 
जयपुर.
पूर्वोत्तर राज्य में नागरिकता संशोधित बिल के विरोध का आंदोलन लंबा खींचा तो चाय के शौकीन लोगों की जेब कट सकती है। असल में पिछले एक सप्ताह से पूर्वोत्तर में चल रहे उग्र आंदोलन के चलते असम में चाय के नीलामी केन्द्र में चाय की बोली नहीं लगी है। पूरे भारत में चाय की कुल खपत की पचास फीसदी चाय यहीं से आपूर्ति होती है। चाय के थोक कारोबारियों की मानें तो नागरिकता बिल के विरोध का आन्दोलन अगर लंबा चलता है तो इसका असर चाय की खरीद-फरोख्त पर पड़ेगा। ऐसे में चाय की कीमत बढ़ सकती है। असम में चाय के ब्रोकर कमल शर्मा ने बताया कि प्रेत्येक मंगलवार और बुधवार को असम में चाय की नीलामी होती है, लेकिन पिछले मंगलवार और बुधवार को भी बोली नहीं लगी।
ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभाावित 
असम में आन्दोलन के चलते राजस्थान का ट्रांसपोर्ट कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। ट्रांसपोर्ट कारोबारी मुकेश शर्मा बताते हैं कि राजस्थान के बीकानेर जिले से भुजिया-पापड़ और रसगुल्ले असम के विभिन्न राज्यो में जाते हैं, लेकिन जब से असम में नागरिकता बिल के विरोध में उग्र आंदोलन हो रहा है, तब से बीकानेर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में ट्रांसपोर्ट कारोबार में मंदी छा गई है। राजस्थान राज्य सहित विभिन्न राज्यों में चाय की आपूर्ति के लिए ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के ट्र्रक लगे हुए हैं, लेकिन आंदोलन के चलते असम से माल की आवक नहीं हो रही, वहीं असम भेजे जाने वाले माल की बुकिंग भी नहीं ली जा रही है।

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