तीसरे दिन भी रूठे रहे भगवान, मरीजों की बढ़ी परेशानी
संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में लडख़ड़ाई चिकित्सा व्यवस्था
बीकानेर.
भगवान का रूप माने जाने वाले चिकित्सक गुरुवार को भी काम पर नहीं लौटे। रेजिडेंट्स चिकित्सकों की हड़ताल के चलते संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था लडख़ड़ाने लगी है। चिकित्सकों की विभिन्न मांगों के पूरा नहीं होने के चलते मंगलवार से पीबीएम अस्पताल के रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर चले गए थे। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से जुड़ी पीबीएम और अन्य छोटी अस्पतालों में हड़ताल के चलते मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मरीजों की दुविधा दूर करने के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी लगा रखी है, इसके बावजूद मरीजों की परेशानी दूर होने का नाम नहीं ले रही है।
डेंगू पर भारी हड़ताल
प्रदेश में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या और मौत के आंकड़ों को देखें तो चिकित्सकों की हड़ताल चिकित्सा व्यवस्था पर कई सवालिया निशान लग रहे हैं। डेंगू वार्ड और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों व उनके परिजनों को होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने फिलहाल कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। पीबीएम अस्पताल के कैंसर वार्ड में भर्ती एक मरीज के परिजन ने बताया कि रेजिडेंट चिकित्सकों के नहीं होने से मरीजों की देखभाल नहीं हो पा रही है। उन्हें दी जाने वाली दवाइयां भी समय पर नहीं मिल रही है। ऐसे में लोग अब निजी अस्पतालों की ओर रुख करने लगे हैं।
चिकित्सकों की मांगों पर नजर
रेजिडेंट चिकित्सकों की विभिन्न मांगों पर नजर डाली जाए तो वे चिकित्सा शिक्षा में की गई फीस वृद्धि के आदेश को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय पूनिया ने बताया कि सभी नॉन सर्विस रेजिडेंट चिकित्सकों को शहरी क्षेत्र की दर से आवास भत्ता देने की मांग भी की जा रही है। चिकित्सकों की मानें तो प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़ी अस्पतालों में केन्द्रीयकृत सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं होने से उन्हें आए दिन झगड़ों का सामना करना पड़ता है।
बीकानेर.
भगवान का रूप माने जाने वाले चिकित्सक गुरुवार को भी काम पर नहीं लौटे। रेजिडेंट्स चिकित्सकों की हड़ताल के चलते संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था लडख़ड़ाने लगी है। चिकित्सकों की विभिन्न मांगों के पूरा नहीं होने के चलते मंगलवार से पीबीएम अस्पताल के रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर चले गए थे। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से जुड़ी पीबीएम और अन्य छोटी अस्पतालों में हड़ताल के चलते मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मरीजों की दुविधा दूर करने के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी लगा रखी है, इसके बावजूद मरीजों की परेशानी दूर होने का नाम नहीं ले रही है।
डेंगू पर भारी हड़ताल
प्रदेश में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या और मौत के आंकड़ों को देखें तो चिकित्सकों की हड़ताल चिकित्सा व्यवस्था पर कई सवालिया निशान लग रहे हैं। डेंगू वार्ड और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों व उनके परिजनों को होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने फिलहाल कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। पीबीएम अस्पताल के कैंसर वार्ड में भर्ती एक मरीज के परिजन ने बताया कि रेजिडेंट चिकित्सकों के नहीं होने से मरीजों की देखभाल नहीं हो पा रही है। उन्हें दी जाने वाली दवाइयां भी समय पर नहीं मिल रही है। ऐसे में लोग अब निजी अस्पतालों की ओर रुख करने लगे हैं।
चिकित्सकों की मांगों पर नजर
रेजिडेंट चिकित्सकों की विभिन्न मांगों पर नजर डाली जाए तो वे चिकित्सा शिक्षा में की गई फीस वृद्धि के आदेश को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय पूनिया ने बताया कि सभी नॉन सर्विस रेजिडेंट चिकित्सकों को शहरी क्षेत्र की दर से आवास भत्ता देने की मांग भी की जा रही है। चिकित्सकों की मानें तो प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़ी अस्पतालों में केन्द्रीयकृत सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं होने से उन्हें आए दिन झगड़ों का सामना करना पड़ता है।



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