बीकानेर: सात माह से नहीं मिला वेतन तो पढ़े-लिखों ने अपनाया यह रास्ता
इंजीनियरिंग कॉलेज के व्याख्याताओं की आर्थिक स्थिति हुई खराब
बीकानेर.
राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के कार्मिकों को पिछले सात माह से वेतन नहीं मिलने के चलते अब उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने लगी है। वेतन नहीं मिलने से नाराज व्याख्याताओं ने शुक्रवार को पांचवें दिन भी कॉलेज और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। शुक्रवार को व्याख्याताओं ने सद्बुद्धि यज्ञ में आहुतियां देकर सरकार को सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की।
भीख मांगकर जताएंगे विरोध
रेक्टा की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष डॉ. शौकत अली ने बताया कि आईआईटी से पीएचडी धारक शिक्षक एवं अशैक्षणिक कार्मिकों को पिछले सात माह से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अभियांत्रिकी महाविद्यालय राज्य सरकार के अधीन संचालित हो रहा है। लेकिन सरकार शिक्षकों की वाजिब मांग को भी अनदेखा कर रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को शिक्षकों ने शहर के मुख्य मार्गों पर भीख मांगकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
नहीं हो रही सुनवाई
डॉ. अली ने बताया कि इस संबंध में बीकानेर के जनप्रतिनिधियों और तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को भी कई ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। रेक्टा के प्रवक्ता डॉ. महेंद्र व्यास ने बताया कि बताया के की राजस्थान सरकार की ग्यारह स्वायत्तशासी इंजीनियरिंग कॉलेजों की वित्तीय स्थिति पिछले एक साल से बेहद खराब चल रही है। शुक्रवार को प्रदर्शन करने वालों में डॉ. जितेंद्र जैन, डॉ. जब्बार खिलजी, डॉ. रविंद्र दायमा, मनोज छींपा, अमित ओझा, कुंजीलाल स्वामी, उदय व्यास, रणजीत सिंह राठौड़, विनीत राणा, डॉ. गरिमा प्रजापत, डॉ. धर्मेंद्र सिंह, धनरूपमल नागर तथा डॉ. विजय शर्मा सहित अन्य व्याख्याता एवं अशैक्षणिक कार्मिक मौजूद थे।

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