भाई बोला शर्म आती थी बहन की हरकतों से, इसलिए मारा
यूपी पुलिस ने पिता, मां और भाई को किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश.
सरकारी सहायता और लोगों की सहानुभूति पाने के चक्कर में एक भाई ने अपनी ही बहन को मौत के घाट उतार दिया। इतना ही बहन की मौत को बलात्कार और हत्या का रूप देने के लिए मृतका के कपड़े तक फाड़ दिए। मामले का खुलासा करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मृतका के पिता, मां तथा भाई को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस खुलासे के बाद पिछले कुछ दिनों से ब्लाइंड मर्डर का रूप ले चुके इस प्रकरण का अनावरण हो गया।
मंदबुद्धि थी बहन
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी पुलिस टीम की पूछताछ में मृतका के भाई आरोपी हरिओम ने बताया कि उसकी बहन मंदबुद्धि थी। उसके दिव्यांग होने के कारण वह स्वयं का काम भी नहीं कर पाती थी। उसके रिश्तेदारों और अन्य लोगों के घर आने पर वह पागलों जैसा व्यवहार करती थी। ऐसे में उसके परिजनों को बाहरी लोगों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता था।
यूं बनाई हत्या की प्लानिंग
आरोपी हरिओम ने बताया कि 16 और 17 जनवरी की रात को करीब एक बजे उसकी बहन को उसकी मां मीना कुमारी शौच के बहाने पास के खेत में ले गई। पीछे से उसके पिता मंशाराम और मैं भी चले गए। पिता आने-जाने वाले लोगों की निगरानी करते रहे और मैनें अपनी बहन का खेत में गला दबा दिया। घटना को बलात्कार का रूप देने के लिए मैनें अपनी बहन के कपड़े फाड़कर प्राइवेट पार्ट में लकड़ी के डंडे से क्षति पहुंचाई। घटना के बाद पड़ौसी के खेत में एक बोतल और चप्पल रख दी ताकि उसके बहन की शिनाख्त हो सके। आरोपी ने बताया कि पिछले दिनों एक युवती के बलात्कार और हत्या के बाद उसके परिजनों को सरकारी और निजी लोगों की सहानुभूति मिली थी। उसी प्रकार की सहायता पाने के लिए उसके परिजनों ने अपनी बहन को मौत के घाट उतारने का मन बनाया था।
पुलिस ने यूं खोला राज
घटना कारित होने के बाद से ही बाराबंकी पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने घटना का मौका मुआयना कर जांच टीम गठित कर दी थी। पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि गठित पुलिस टीम की ओर से जुटाए गए साक्ष्य के अनुसार घटना वाले दिन मृतका के पैर में गोबर लगा हुआ था। जबकि घटना स्थल पर जो चप्पल मिली उस पर गोबर नहीं पाया गया। मृतका के पैर में सात नम्बर की चप्पल आती थी, जबकि घटना स्थल पर चार नम्बर की चप्पल पड़ी थी। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत होने पर परिजनों से सख्ती से पूछताछ की गई। अंत में परिजनों ने ही हत्या करना स्वीकार कर लिया।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें