राजस्थान की चिकित्सा जगत को बड़ा झटका, नहीं रहे डॉ. पानगडिय़ा

कोरोना से संक्रमण के बाद फेंफड़ों खराब हो चुके थे 

 जयपुर. देश-विदेश में राजस्थान की चिकित्सा जगत को प्रसिद्धि दिलाने वाले डॉ. अशोक पानगडिय़ां का शुक्रवार को निधन हो गया। वे पोस्ट कोविड बीमारी के बाद पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर ही थे। शुक्रवार दोपहर करीब चार बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जानकारों के अनुसार उनकी स्थिति ज्यादा खराब होने के बाद शुक्रवार को उन्हें ईएचसीसी अस्पताल से उन्हें उनके परिजन घर ले गए थे।
न्यूरोलॉजिस्ट विशेषज्ञ थे

देश-विदेश में प्रसिद्धि पाने वाले डॉ. अशोक पानगडिय़ा न्यूरोलॉजिस्ट थे। करीब पचास दिन पूर्व उन्होंने कोरोना की जांच करवाई तो वह पॉजिटिव आई। उपचार शुरू करने के कुछ दिन बाद ही पानगडिय़ा की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी थी, लेकिन उनके फेंफड़ों में संक्रमण के कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी डॉ. पानगडिय़ा के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है।

सिटी स्कोर आया था 17 
24 अप्रेल को कोरोना संक्रमण के बाद डॉ. पानगडिय़ा ने उपचार लेना शुरू कर दिया था। उनकी उपचार देश के वरिष्ठ चिकित्सकों की निगरानी में किया जा रहा था। डॉ. पानगडिय़ा के करीबी रिश्तेदारों के अनुसार डॉ. पानगडिय़ा ने बीमार होने से कुछ दिन पहले ही एसएमएस अस्पताल में कोविड टीके की दूसरी डोज लगवाई थी। जानकारों के अनुसार जब उन्होंने एक निजी लैब में एचआरसीटी करवाई। सिटी स्कैन के दौरान उनका स्कोर 17 आया था। 

पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित देश-विदेश में राजस्थान को गौरवान्वित करने वाले डॉ. पानगडिय़ा को चिकित्सकीय क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने पर 2014 में पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था। वहीं 2020 में डॉ. बीसी रॉय अवॉर्ड भी उन्हें मिला। इसके अलावा उन्हें कई लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी प्राप्त हो चुके हैं। डॉ. पानगडिय़ा के निधन का समाचार जैसे ही शुक्रवार को फैला, चिकित्सा जगत में शोक की लहर छा गई।

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