करोड़पति निकला रिश्वतखोर लेखाधिकारी, लॉकर भी खोलेंगे राज

ऑक्सीजन सिलेण्डर के बकाया भुगतान को लेकर मांगी थी पचास हजार की रिश्वत 

 जयपुर/बीकानेर.

ऑक्सीजन सिलेण्डर आपूर्ति के पुराने बिल का भुगतान करने की एवज में पचास हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया मेडिकल कॉलेज का वरिष्ठ लेखाधिकारी करोड़पति निकला उसके घर की तलाशी के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों को करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज, लाखों रुपए नकदी और स्वर्ण आभूषण मिले हैं। एसीबी के अधिकारियों ने उसके कुछ बैंक लॉकर को भी सीज किया, जिनके खुलने से रिश्वतखोर अधिकारी की संपत्ति का और खुलासा हो सकेगा। एसीबी के पुलिस अधीक्षक डॉ. गननदीप सिंगला के अनुसार आरोपी लेखाधिकारी के.के. गोयल मेडिकल कॉलेज बीकानेर में वरिष्ठ लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत है। उसके पास इन्दिरा गांधी नहर परियोजना विभाग का भी अतिरिक्त कार्यभार है। 

कुछ दिनों से थी गोयल पर नजर 

एसीबी के अधिकारियों की मानें तो वरिष्ठ लेखाधिकारी के.के. गोयल पर पिछले कुछ दिनों से एसीबी की नजर थी। अधिकारियों के अनुसार उसने एक परिवादी से ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर की आपूर्ति के पुराने बिल का भुगतान करने की एवज में पचास हजार रुपए का कमीशन बतौर रिश्वत के तौर पर मांगा था। परिवादी ने इसकी शिकायत जब एसीबी में की तो शिकायत सही पाई गई।
32 लाख की मिली नकदी 

आरोपी लेखाधिकारी के घर 32 लाख, 50 हजार रुपए की नकद राशि व 48 लाख रुपए के जमीनी दस्तावेज और जीवन बीमा से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। वहीं करीब 200 ग्राम सोने के आभूषण तथा करीब 650 ग्राम चांदी के आभूषण भी बरामद हुए हैं। बाजार में अकेले सोने की कीमत करीब दस लाख से अधिक की है। वहीं आरोपी के कुछ बैंक लॉकर की जानकारी भी अधिकारियों के हाथ लगी है। जिनकी जांच में विभागीय अधिकारियों को बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। आरोपी गोयल इससे पूर्व अनाज मंडी में भी बतौर लेखाधिकारी के तौर पर पदस्थापित रह चुका है। आरोप है कि इसने वहां भी लूट मचा रखी थी।
बहुत ही शातिर दिमागी 

जानकारों की मानें तो रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया के.के. गोयल बहुत ही शातिर दिमाग का व्यक्ति है। पुराने बिलों का निपटारा करने के लिए महीनों का समय लगा देता था। आखिरकार धक-हारकर परिवादी इसके आगे घुटने टेक देते थे। बताया जाता है कि आरोपी जब से मेडिकल कॉलेज में लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत हुआ है, तभी से इसने सफेदपोश जनप्रतिनिधियों के यहां हाजिरी लगानी शुरू कर दी थी। यह कुछ नेताओं से बंद कमरों में भी मुलाकात करता था।

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