हैल्थ नॉलेज: क्या आपके पेट में भी गैस बनती है, अजमाए यह टिप्स निरोगी रहेेंगे
दिनचर्या में गड़बड़ी के कारण होती है पेट संबंधी गंभीर बीमारियां
जयपुर.
भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने पेट का ख्याल रखना भूल गए हैं। नतीजन पेट में गैस बननी शुरू हो जाती है। अगर आपके पेट में भी गैस बनने की शिकायत है तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए कारगर साबित हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार पेट में गड़बड़ी हमें कई बीमारियों को न्यौता देती है। ऐसे में कुछ टिप्स को अजमाकर हम पेट संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं। इसके लिए अहम बात यह है कि हमें अपनी दिनचर्या को प्रकृति के अनुकूल करना होगा।
पेट में गैस बनने के प्रमुख कारण
- पेट में खाने का सडऩा
- जो पहले का खाना खाया उसके पाचन से पहले है दूसरा भोजन खाना
- शरीर को पाचन का समय नहीं देना
- जानवर जब बीमार होता है तो वह कुछ नहीं खाता बस आराम करता है या जंगल की जड़ी बूटियों को खाकर अपना पेट भर लेता है। लेकिन इंसान बीमार पडऩे की स्थिति में दिनभर घर बैठा-बैठा कुछ न कुछ खाते रहते हैं। बीमारी की स्थिति में कमजोर पड़े शरीर पर ज्यादा खाना खाकर अनावश्यक भार नहीं डालें।
- जिन चीजों में फाइबर नहीं होता अगर उसका सेवन किया जाता है तो वह पेट की आंतों में चिपक जाता है। जिससे खाना पचने की बजाय सडऩा शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में अमाशय से एसिड मुंह की तरफ आता है जिससे जलन गैस एसिडिटी होती है।
- सुबह पेट का साफ नहीं होना
- खाना खाते समय पानी का बार-बार पीना भी पेट में गैस बनने को न्यौता देने के बराबर है। भोजन करने के करीब डेढ़ घंटे बाद और करीब आधे घंटे पहले पानी पीना चाहिए।
- खाना खाने के साथ ही पेट में एक क्रिया होती है जिसको जठर अग्नि कहते हैं उसमें अम्लीय क्रिया होती है और खाने को पचाने में सहायक होती है। ऊपर से यदि आप पानी पीते है तो वह क्रिया धीमी हो जाएगी और खाना पचेगा नहीं बल्कि वह सड़ेगा।
- सुबह खाली पेट पानी ना पीना। सुबह खाली पेट पानी पीने से आपका शौच खुल का आएगा, आपको कब्ज की शिकायत नहीं होगी। पानी पीने के बाद करीब दस-पन्द्रह मिनट तक पैदल चलें, ताकि आपका अच्छे से पेट साफ हो सके।
- रात को गरिष्ठ भोजन करने से भी पेट में गैस बनने की शिकायत होती है, क्योंकि गरिष्ठ भोजन को पचने में काफी समय लगता है।
- शराब, सिगरेट, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी पेट संबंधी अपच और अन्य बीमारियां हो सकती है। ऐसे में इस प्रकार की वस्तुओं का त्याग करना चाहिए।
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