ट्रेन हादसे की आंखों देखी, यात्री बोले बोगी से बाहर निकले तो चीख पुकार मची थी
बीकानेर.
बीकानेर से मंगलवार रात 1.45 बजे रवाना हुई बीकानेर एक्सप्रेस (Bikaner Express) जलपाईगुड़ी व मैनागुड़ी के बीच पटरी से उतरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त (crashed) हो गई। इस ट्रेन में बीकानेर के 308 यात्री सवार थे। वहीं राजस्थान (Rajasthan) के यात्रियों की कुल संख्या 872 बताई जा रही है। रेलवे के उच्चाधिकारियों की मानें तो दुर्घटना की सूचना मिलने के साथ ही उन्होंने मौके पर बचाव कार्य शुरू कर दिए थे। गुरुवार देर रात तक राहत कर्मी क्षतिग्रस्त ट्रेन की बोगियों में जख्मी यात्रियों की तलाश कर रहे थे। हालांकि शाम आठ बजे तक अधिकतर बोगियों से घायल व सकुशल रेल यात्रियों को बाहर निकाला जा चुका था। ट्रेन में अधिकतर यात्रियों के बीकानेर से जुड़े होने के कारण बीकानेर में जैसे ही रेल हादसे के समाचार पहुंचे लोगों ने राहत बचाव कार्य में जुटे और रेलवे की ओर से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबरों (helpline number) पर फोन करने शुरू कर दिए।
बाहर का मंजर देखा तो हैरान रह गए
बीकानेर के गंगाशहर और नोखा के अधिकतर परिवार असम में रहते हैं। वे अधिकतर असम जाने के लिए इसी ट्रेन में सफर करते हैं। ट्रेन में सवार बीकानेर के किसी रेल यात्री की मौत के समाचार फिलहाल नहीं मिले हैं, लेकिन 5-6 रेल यात्रियों के घायल होने के समाचार जरूर मिल रहे हैं। उधर रेल हादसे को लेकर बीकानेर पश्चिम विधानसभा के विधायक एवं राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला (Dr B D Kalla), प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने चिंता व्यक्त करते हुए घायलों के परिजनों से हौसला बनाए रखने की अपील की है। बीकानेर के एक रेल यात्री ने बताया कि वह इंजन के दो बोगी पीछे के एक डिब्बे में सवार थे। उन्होंने बताया कि जब बीकानेर एक्सप्रेस जलपाईगुड़ी (Jalpaiguri Railway Station) व मैनागुड़ी स्टेशन (Maina Gudi Railway Station) को पार किया तो कुछ देर बाद ही उन्हें जोर का झटका लगा। वे कुछ समझ पाते इससे पहले ट्रेन से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आनी शुरू हो गई। बोगी से बाहर निकलकर देखा तो वह हैरान रह गया। उसने देखा कि ट्रेन के डिब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़े हुए थे, और रेल यात्री डिब्बों पर चढ़कर अपने सहयात्रियों की तलाश कर रहे थे। रेलवे के पीआरओ शशिकिरण के मुताबिक 308 यात्री बीकानेर से और 564 जयपुर से चढ़े थे। जिस समय हादसा हुआ उससे पहले के स्टेशनों पर बीकानेर के 117 यात्री उतर गए थे। हादसे के समय ट्रेन में बीकानेर से चढ़े 191 यात्रियों की मौजूदगी के समाचार मिल रहे हैं। बताया जाता है कि ट्रेन के 12 डिब्बों को ज्यादा नुकसान हुआ है।
गंगाशहर-नोखा में चिंता की लहर
गंगाशहर निवासी रमेश शर्मा बताते हैं कि उनके रिश्तेदार और काफी संख्या में परिचित सिलीगुड़ी (Siliguri) और असम में रहते हैं। ट्रेन हादसे का समाचार जैसे ही उन्हें मिला तो उन्होंने सबसे पहले रेलवे के हेल्प डेस्क पर फोन कर दुर्घटना के बारे में जानकारी जुटाई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें शाम तक यह मालूम नहीं हो पाया कि दुर्घटना में बीकानेर के कितने लोगों की मौत या घायल हुए हैं। सिलीगुड़ी, मैनापुरी और असम में बीकानेर के साथ-साथ नोखा और नागौर के भी बड़ी संख्या में लोग रहते हैं।
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