आजादी के बाद कौन थे बीकानेर के पहले कलेक्टर, जानें और भी बहुत कुछ...

वर्तमान कलेक्टर के बारे में भी जानने का मिलेगा अवसर   

जयपुर/बीकानेर.

देश-विदेश में भुजिया-पापड़ और रसगुल्लों से अपनी पहचान बनाने वाले बीकानेर के पहले जिला कलेक्टर कौन थे, उनका कार्यकाल कितने समय के लिए रहा सरीखे सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलने वाले हैं। आर्टिकल न केवल पाठकों की जिज्ञासाओं को शांत करेगा, बल्कि बीकानेर के अफसरशाही समय को भी जानने का अवसर मिलेगा। अब मुद्दे की बात पर आते हैं। बीकानेर के पहले जिला कलेक्टर का नाम संपतमल भण्डारी था। उनका कार्यकाल महज एक वर्ष 4 माह, 15 दिन का रहा था। यानि पूरे 500 दिन। जिला कलेक्टर भण्डारी को आजादी के बाद पहली बार बीकानेर का जिला कलेक्टर बनने का मौका मिला था। उनकी नियुक्ति 29 नवंबर 1949 को बतौर बीकानेर के पहले जिला कलेक्टर के रूप में हुई थी। वे यहां 13 अप्रेल 1951 तक जिला कलेक्टर के पद पर रहे। संपतमल भण्डारी का स्थानांतरण होने के बाद उनके स्थान पर चन्द्रशेखर गुप्ता को बतौर बीकानेर जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। गुप्ता 14 अप्रेल 1951 से 31 मार्च 1952 तक रहे। 



वर्तमान जिला कलेक्टर कलाल 

बीकानेर के वर्तमान जिला कलेक्टर का नाम भगवती प्रसाद कलाल है। वे 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। बीकानेर से पूर्व कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल सिरोही और बांसवाड़ा में जिला कलेक्टर रह चुके हैं। वहीं वित्त और खान विभाग में संयुक्त सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग में अतिरिक्त आयुक्त, बारां में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और ब्यावर में उपखण्ड अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। उन्होंने बीकानेर कलेक्टर का पदभार ग्रहण करने के साथ ही यहां की चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लेना शुरू कर दिया था। साथ ही अन्य सरकारी महकमों का दौरा भी कर रहे हैं।   

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