डॉक्टर से परामर्श लेने जा रहे हैं तो यह पढ़ लीजिये, आपकी जेब नहीं कटेगी
राज्य सरकार के नियमों की पालना नहीं करते डॉक्टर
जयपुर/बीकानेर.
सरकारी अस्पतालों में (government hospital ) लगी मरीजों की लंबी कतार के कारण अगर आप डॉक्टर के घर परामर्श (doctor consultation) लेने जा रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। राज्य सरकार (State government) ने डॉक्टरों का परामर्श शुल्क निर्धारित (doctor's consultation fee) कर रखा है, लेकिन कुछ डॉक्टर मरीज की मजबूरी (disease of patients) का फायदा उठाकर उनसे मनमर्जी की फीस (prescribed fee) वसूली करते हैं। बीकानेर (Bikaner) जिले के संभागीय आयुक्त (Divisional Commissioner) नीरज के पवन ने डॉक्टरों की मनमर्जी फीस वसूली पर लगाम लगाने के लिए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल को दो टूक निर्देश दिए हैं कि वह सरकार के नियमों की पालना करने के लिए डॉक्टरों को पाबंद करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
फीस लेने के सरकारी नियम
फीस लेने के सरकारी नियमों को ध्यान दिया जाए तो आपकी जेब कटने से बच सकती है। असल में राज्य सरकार ने अपने घरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की फीस (doctor's fees) निर्धारित कर रखी है। लेकिन देखने में यह आता है कि कुछ डॉक्टर मरीजों की बीमारी का फायदा उठाकर उनसे मनमर्जी फीस की वसली करते हैं। राज्य सरकार के नियमों को देखें तो एक सहायक प्राचार्य 125 रुपए से अधिक फीस मरीज से नहीं ले सकता। जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश में सहायक आचार्य श्रेणी के डॉक्टर मरीज से 200 से 250 रुपए तक वसूल रहे हैं। इसी प्रकार सह प्राचार्य 150 रुपए तथा वरिष्ठ प्रचार्य मरीज से 200 रुपए प्रेक्टिस फीस (doctor's home visit fee) ले सकता है। बीकानेर के संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने बताया कि सेवारत चिकित्सकों द्वारा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित फीस से अधिक लेने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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