बेटे को छोड़कर घर के सभी लोग बारात गए, लौटे तो बेटे का शव फंदे से झूल रहा था
बीकानेर के खतुरिया कॉलोनी की घटना
बीकानेर.
बीकानेर के खतुरिया कॉलोनी में एक 17 वर्षीय युवक ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। युवक ने जब सुसाइड किया तब वह घर में अकेला था। असल में खतुरिया कॉलोनी में रहने वाले ईश्वरराम कुम्हार अपने परिवार के साथ बुधवार शाम को शादी का फंक्शन अटेंड करने गए थे। वापस जब रात 11 बजे घर लौटे तो देखा घर का मुख्य दरवाजा बंद है। काफी आवाज लगाने के बाद भी जब उनका बेटा बाहर नहीं आया तो पड़ोसियों की मदद से ईश्वर राम ने घर में कदम रखा। उन्होंने देखा कि उसका बेटा रमेश कमरे में फांसी के फंदे पर झूल रहा है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा तो युवक के पास कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। बताया जाता है कि मृतक को भी शादी में चलने के लिए घरवालों ने कहा था, लेकिन उसने जाने से मना कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कारणों का पता नहीं चला
पुलिस ने बताया कि रमेश की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। उसने किन कारणों से मौत को अपने गले लगाया, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
सीख: समस्या से लड़ना ही असली जीत
संत रामसुखदासजी महाराज कहा करते थे, कि किसी भी समस्या से लड़ना या उसे दूर करना ही असली जीत है। जो लोग समस्या से हारकर अपनी मौत को गले लगा लेते हैं, वे कहीं न कहीं रास्ते से भटके होते हैं। रामसुखदासजी महाराज कहा करते थे, यह शरीर हमारा नहीं है, जो हम इसे कष्ट पहुंचाए, यह भगवान का दिया हुआ शरीर है, इसकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है।

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