11 साल बाद बनी मां, पौने पांच किलो वजनी बच्चे को दिया जन्म

डॉ. मोनिका रंगा और टीम की सफलता, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ  

बीकानेर/जयपुर.   

शादी के 11 साल बाद मां बनने का सपना पूरा हुआ और इसके साथ ही बीकानेर के जिला राजकीय चिकित्सालय ने चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की। बुधवार को एक महिला ने सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए पौने पांच किलो वजनी नवजात को जन्म दिया। यह जिला अस्पताल में अब तक का सबसे वजनी बच्चा बताया जा रहा है। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क किया गया। 


 

11 साल का इंतजार, पौने पांच किलो का तोहफा  

महिला के लिए यह गर्भधारण खास था, क्योंकि शादी के 11 साल बाद उन्होंने संतान का सुख पाया। सामान्य प्रसव संभव न होने के कारण डॉक्टरों ने सिजेरियन का निर्णय लिया। ऑपरेशन के बाद बच्चे का वजन रिकॉर्ड पौने पांच किलो मापा गया। स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिका रंगा ने बताया कि इतने वजन का नवजात जिला अस्पताल में पहली बार जन्मा है।  



टीम की कड़ी मेहनत से हुआ संभव  

इस सफलता में डॉ. मोनिका रंगा के साथ निश्चेतन विशेषज्ञ डॉ. गौरव जोशी और नर्सिंग ऑफिसर इंद्रपाल, सुदेश व सुमन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सामूहिक मेहनत से यह जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।  

नवजात पर है विशेष नजर  

नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष पुष्करणा ने बताया कि नवजात का सामान्य वजन 2.5 किलो होता है, लेकिन इस केस में वजन पौने पांच किलो है। मां और बच्चे की शुगर रिपोर्ट सामान्य आई है। नवजात का स्वास्थ्य फिलहाल स्थिर है, और नर्सरी में उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।  

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का नतीजा  

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी और जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनील हर्ष ने टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और गुणवत्ता सुधार के चलते ऐसे सफल ऑपरेशन संभव हो रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना और अन्य सरकारी योजनाओं से मरीजों को निःशुल्क इलाज का लाभ मिल रहा है।  

एक्सपर्ट व्यू: ऑपरेशन भावनात्मक रूप से खास 

शादी के 11 साल बाद मां बनने का यह मामला न केवल भावनात्मक रूप से खास है, बल्कि यह जिला अस्पताल की चिकित्सा क्षमताओं और सरकारी योजनाओं की सफलता का भी प्रमाण है। ऐसी उपलब्धियां आम जनता को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास दिलाने का काम करती हैं।

डॉ. मोनिका रंगा, सहायक आचार्य, एसडीएम जिला हॉस्पिटल, बीकानेर 

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