जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने केंद्रीय कारागृह का निरीक्षण, बंदियों के लिए विधिक सहायता और सुविधाओं में सुधार के निर्देश
न्यज डेस्क.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सैना ने केंद्रीय कारागृह का निरीक्षण करते हुए बंदियों की स्थिति और सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिवक्ता न कर पाने वाले बंदियों को निशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने और कारागृह में उपलब्ध भोजन एवं अन्य सुविधाओं में सुधार के निर्देश दिए।
बंदियों को विधिक सहायता का निर्देश:
निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश ने उन बंदियों से बात की जो किसी अधिवक्ता की पैरवी में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी बंदियों को निशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से इन बंदियों को अधिवक्ता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
भोजन की गुणवत्ता में सुधार:
न्यायाधीश ने भोजनशाला का निरीक्षण कर बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता का आकलन किया। उन्होंने भोजन की गुणवत्ता में और सुधार के लिए कारागृह प्रशासन को निर्देश दिए, ताकि बंदियों को पौष्टिक और स्वच्छ भोजन मिल सके।
सर्दियों में विशेष ध्यान:
सर्दियों को ध्यान में रखते हुए न्यायाधीश ने जेल प्रशासन को बंदियों को कंबल और रजाई उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि ठंड से बचाव के लिए सभी बंदियों को पर्याप्त सामग्री मिले।
नव प्रवेशित बंदियों से मुलाकात:
इस हफ्ते कारागृह में आए नव प्रवेशित बंदियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की गई। न्यायाधीश ने उनसे उनके मुकदमों की स्थिति और कानूनी सहायता के बारे में जानकारी प्राप्त की।
निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारी:
निरीक्षण के समय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मांडवी राजवी, केंद्रीय कारागृह जेलर सूरज, उप कारापाल देवांक और अन्य कारागृह स्टाफ सदस्य मौजूद रहे। निरीक्षण के माध्यम से न्यायाधीश ने बंदियों को बेहतर सुविधाएं और न्याय पाने का अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम उठाए। कारागृह प्रशासन को दिए गए निर्देश बंदियों की जीवन गुणवत्ता सुधारने में सहायक होंगे।

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